दोस्तों नमस्कार मेरा नाम प्रमोद कुमार है जैसा कि आप जानते हो कि मैं अपने ब्लॉग में नई-नई जीके ट्रिक्स लाता हूं और अभी कुछ समय से मैं अपने ब्लॉक में जियोग्राफी से संबंधित जीके ट्रिक्स पोस्ट कर रहा हूं और वह भी टॉपिक की डिटेल के साथ अभी हम प्रायद्वीपीय भारत की नदियों के विषय में जानकारी हासिल कर रहे हैं, पिछली पोस्ट में प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में बंगाल की खाड़ी में जल गिराने वाली नदियों के विषय में पढ चुके हैं और आज हम अरब सागर में जल् गिराने वाली नदियों के विषय में पढेगे वह भी ट्रिक के साथ। आशा करता हूं कि मेरी कोशिश आपको अच्छी लगेगी।प्रायद्वीपीय नदियाँ की ट्रिक
प्रायद्वीपीय नदियाँ -2
अरब सागर में जल गिराने वाली दक्षिण भारत या प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ -
अरब सागर में जल गिराने वाली दक्षिण भारत या प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का क्रम उत्तर से दक्षिण की ओर इस प्रकार है - लूनी,साबरमती, माही, नर्मदा, तापी,माण्डवी, जुआरी, शारावती, गंगावेली, पेरियार और भरत पूजा |
अरब सागर में जल गिराने वाली नदियों की ट्रिक:-
"शालू मां गंगा पर पूजा समानता से करती हैं"
शालू=शा+लू।
शा = शारावती
लू। = लूनी
मां। =माण्डवी
गंगा= गंगावेली,
पर =। पेरियार
पूजा =भरत पूजा
पूजा = पू+जा
जा। = जुआरी,
समानता=स+मा+न+ता
स=साबरमती,
मां =माही
न =नर्मदा
ता=तापी
से करती है= silent
दोस्तों आपको समानता शब्द से याद रखना है कि समानता शब्द में जो नदियां हैं वह खंभात की खाड़ी में गिरने वाली नदियों के भी नाम है।
प्रायद्वीपीय भारत की चार नदियाँ साबरमती, माही, नर्मदा और तापी खम्भात की खाड़ी में अपना जल गिराती हैं |
प्रायद्वीपीय भारत की लूनी नदी समुद्र तट तक नहीं पहुँच पाती है | लूनी नदी समुद्र तट तक पहुँचने से पहले ही कच्छ का रन (दलदल) में विलीन हो जाती है |
प्रायद्वीपीय भारत की अरब सागर में जल गिराने वाली नदियों में से नर्मदा नदी और तापी नदी अपनी भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती हैं |
नर्मदा नदी भ्रंश घाटी सतपुड़ा पहाड़ी के उत्तर में तथा तापी नदी भ्रंश घाटी सतपुड़ा पहाड़ी के दक्षिण में स्थित है |
नर्मदा और तापी नदियाँ प्रायद्वीपीय पठार के सामान्य ढाल के विपरीत अपनी भ्रंश घाटी में पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हैं तथा खम्भात की खाड़ी में जल गिराती हैं, क्योंकि जल प्रपात तथा तापी नदियों की भ्रंश घाटी का ढाल पश्चिम की ओर है |
पश्चिमी घाट से बहुत सी छोटी-छोटी नदियाँ निकलकर अरब सागर में गिरती हैं | चूंकि पश्चिमी घाट का पश्चिमी ढाल कगारनुमा है, इसलिए पश्चिमी घाट से निकलने वाली नदियाँ तीव्र वेग से प्रवाहित होती हैं | तीव्र वेग से प्रवाहित होने के कारण ये नदियाँ जल प्रपातों अथवा झरनों का निर्माण करती हैं | 'माही नदी' कर्क रेखा को दो बार काटती है और खम्भात की खाड़ी में अपना जल गिराती है|

लूनी नदी-
लूनी नदी उत्तरी राजस्थान में अरावली पहाड़ी से निकलती है तथा सांभर झील से होकर गुजरती है और गुजरात के कच्छ का रन (दलदल) में विलीन हो जाती है | लूनी नदी को समुद्र तट नहीं मिलता है, अर्थात् समुद्र तट तक पहुँचने से पहले यह कच्छ का रन में विलीन हो जाती है ।
साबरमती नदी-
गुजरात की राजधानी गांधीनगर तथा गुजरात का सबसे बड़ा शहर अहमदाबाद साबरमती के तट पर स्थित है |
साबरमती नदी राजस्थान के उदयपुर जिले में मेवाड़ से निकलती है और खम्भात की खाड़ी में अपना जल गिराती है |
माही नदी-
माही नदी मध्य प्रदेश में विऺध्य पर्वत से निकलती है और खम्भात खाड़ी में गिरती है माही नदी तीन राज्यों मध्य प्रदेश,राजस्थान और गुजरात से होकर प्रवाहित होती है।
माही नदी राजस्थान में कर्क रेखा को दो बार काटती है।
नर्मदा नदी-
नर्मदा नदी अरब सागर में जल गिराने वाली प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में सबसे लम्बी नदी है।
'नर्मदा नदी' गोदावरी नदी और कृष्णा नदी के बाद प्रायद्वीपीय भारत की तीसरी सबसे लम्बी नदी है।
नर्मदा नदी मैकाल पहाड़ी पर स्थित अमरकंटक चोटी से निकलकर पश्चिम में अपनी भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती है और भडौच या भरूच के पास अपना मुहाना बनाती है |
मध्य प्रदेश का शहर जबलपुर और गुजरात का शहर भड़ौच नर्मदा नदी के तट पर स्थित नर्मदा नदी तीन राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर प्रवाहित होती है |
नर्मदा नदी की सर्वाधिक लम्बाई मध्य प्रदेश राज्य में है |
नर्मदा नदी जबलपुर के पास भेड़ाघाट पर संगमरमर की चट्टानों में एक भव्य और सुन्दर जल प्रपात बनाती है, जिसे हम धुंआधार जल प्रपात या कपिलधारा जल प्रपात कहते हैं |
तापी नदी-
तापी नदी महादेव पहाड़ी के समीप बैतूल पठार से निकलती है तथा सतपुड़ा पहाड़ी के दक्षिण में अपनी भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती है और सूरत के समीप खम्भात की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
सूरत तापी नदी के मुहाने पर, जबकि भड़ौच नर्मदा नदी के मुहाने पर स्थित है | जहाँ नर्मदा भ्रंश घाटी सतपुड़ा पहाड़ी के उत्तर में स्थित है, वहीं तापी नदी की भ्रंश घाटी सतपुड़ा पहाड़ी के दक्षिण में स्थित है |
सतपुड़ा पहाड़ी नर्मदा तथा तापी भ्रंश घाटी के मध्य स्थित ब्लॉक पर्वत है | तापी नदी अरब सागर में जल गिराने वाली प्रायद्वीपीय भारत की नदियों में नर्मदा नदी के बाद दूसरी सबसे बड़ी नदी है | नर्मदा नदी की भांति तापी नदी भी तीन राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर प्रवाहित होती है | गुजरात में उकाई और काकरापार जलविद्युत परियोजनाएँ तापी नदी पर ही स्थित हैं |
सह्याद्रि अर्थात् पश्चिमी घाट से निकलकर अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ :-
सह्याद्रि अर्थात् पश्चिमी घाट से निकलकर अरब सागर में गिरने वाली नदियां बहुत छोटी-छोटी हैं | पश्चिमी घाट का पश्चिमी ढाल कगारनुमा होने के कारण पश्चिमी घाट में प्रवाहित होने वाली नदियाँ अत्यंत तीव्रगामी होती हैं |
पश्चिमी घाट से निकलकर अरब सागर में जल गिराने वाली नदियों के दो स्रोत हैं -
(i) जून से लेकर सितम्बर तक दक्षिणी-पश्चिमी मानसून पश्चिमी घाट से टकराकर भारी वर्षा करता है |
(ii) प्रायद्वीपीय पठार के दरारों में संचित जल शुष्क मौसम में इन नदियों को मिलता रहता है।
सह्याद्रि से निकलकर अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ :-
सह्याद्रि से निकलकर अरब सागर में गिरने वाली नदियो की ट्रिक:-
GS में काश गंगा नदी के BHP होते।
G=Gujarat
S=शतरंजी नदी
में=मादर नदी
अर्थात शतरंजी और मादर नदी गुजरात से निकलती है।
काश गंगा नदी=का+श+गंगा नदी
का=कर्नाटक
श=शरावती
गंगा नदी=गंगावेली
अर्थात शरावती और गंगावेली नदी कर्नाटक से निकलती है।
के BHP=के+BH+P
के=केरल
BH=भरत पूजा
P=पेरियार
P=पाम्बा नदी
अर्थात भरत पूजा, पेरियार, पाम्बा नदी केरल राज्य से निकलती है।
"मां जूआ गोवा में खेलती है"
मां=माण्डवी नदी
जूआ=जुआरी नदी
गोवा=गोवा
अर्थात माण्डवी नदी, जुआरी नदी गोवा से निकलती है।
दोस्तों यह दोनो ट्रिक सह्याद्रि से निकलकर अरब सागर में गिरने वाली नदियो की ट्रिक है।
गोवा की राजधानी पणजी माण्डवी नदी के तट पर स्थित है । भरतपूजा नदी केरल की सबसे बड़ी नदी और पेरियार नदी दूसरी सबसे बड़ी नदी है |
पश्चिमी घाट कगारनुमा होने के कारण पश्चिमी घाट में प्रवाहित होने वाली नदियाँ तीव्रगामी होती हैं, जिसके कारण ये नदियाँ जल प्रपात अथवा झरना का निर्माण करती हैं | उदाहरण के लिए - कर्नाटक में शरावती नदी पर जोग जल प्रपात है |
जोग जल प्रपात को गरसोप्पा या महात्मा गांधी जल प्रपात भी कहते हैं | इसकी ऊँचाई लगभग 221 मीटर है |
भारत का सबसे ऊँचा (सीधा गिरने वाला) जल प्रपात जोग जल प्रपात है | भारत का सबसे ऊँचाई पर स्थित जल प्रपात कुंचीकल जल प्रपात है |
सह्याद्रि से निकलकर अरब सागर में जल गिराने वाली नदियाँ चूंकि अत्यधिक प्रपाती हैं,इसलिए यहाँ पर जल विद्युत उत्पादन की संभावना बहुत अधिक है | यही कारण है, कि पश्चिमी घाट में अधिक विद्युत उत्पादन क्षेत्र स्थापित किये गये हैं |
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धन्यवाद!
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